हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है

हमने आँखों से देखा नहीं है मगर
उनका जलवा तो सीने में मौजूद है
जिसने ला कर कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है

है नज़र में जमाले हबीबे खुदा
उनकी तस्वीर सीने में मौजूद है
जिसने लाके कलामे इलाही दिया
वो मुहम्मद मदीने में मौजूद है

फूल खिलते हैं पढ़ कर के सल्ले अला
झूम कर कह रही है ये बागे सबा
ऐसी खुशबु चमन के गुलों में नहीं
जो नबी के पसीने में मौजूद है

छोड़ना तेरा तयबह गवारा नहीं
सारे आलम में ऐसा नज़ारा नहीं
ऐसा मंज़र ज़माने में देखा नहीं
जैसा मंज़र मदीने में मौजूद है

हमने माना के जन्नत बहोत है हसीं
छोड़ कर हम मदीना न जाएँ कहीं
यूँ जो जन्नत में सब है मदीना नहीं
और जन्नत मदीने में मौजूद है

बेसहारों को सीने में लिपटा लिया
जिसने जो माँगा उसको अता कर दिया
वो फकीरों के अफसर शहे अम्बिया
वो शहंशाह मदीने में मौजूद है

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